Drishthi Bheda || दृष्टी भेद : संपूर्ण विवरण

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Drishthi in sanskrit meaning “Vision”. In relation to our eyes it means “sight” or “to see”. The classification of these eye movements are based on how we move the eye balls. Infact we use each of them in our every day routine. Just a matter of identifying with their names. There are eight types of Eye movements given in the shastras:

1. Sama: Eye kept still without any movement.

2. Alokita: Rolling your eye balls in a circular pattern.

3. Saachi: Looking through the corner of the eyes.

4. Pralokita: moving your eyes side to side.

5. Nimilita: It looks like a half shut eye. Here one tries to focus the eye ball towards the heart.

6. Ullokita: Looking upwards.

7. Anuvritta: Rapid movement of the eyes up and down.

8. Avalokita: Looking down.

Shloka :

Samam Alokitam Saachi pralokita Nimility
Ullokita-anuvritte cha tatha chaiva-avalokitam
Ithyashtho drishthi bhedaha syu kirtitah purvasuribhi

संस्कृत में द्रष्टि का अर्थ है “दृष्टि”। हमारी आँखों के संबंध में इसका अर्थ है “देखना” या “देखना”। इन नेत्र गतियों का वर्गीकरण इस बात पर आधारित है कि हम नेत्रगोलकों को किस प्रकार गति करते हैं। वास्तव में हम उनमें से प्रत्येक का उपयोग अपने दैनिक दिनचर्या में करते हैं। बस उनके नाम से पहचान की बात है। शास्त्रों में आठ प्रकार की नेत्र गति दी गई है:

1. समा : बिना किसी हलचल के आँख स्थिर रखना।

2. अलोकिता: अपनी आंखों की पुतलियों को गोल आकार में घुमाना।

3. साची : आंखों के कोने से देख रहे हैं।

4. प्रलोकिता : अपनी आंखों को अगल-बगल घुमाना।

5. निमिलिता : यह आधी बंद आंख की तरह दिखाई देती है। यहाँ व्यक्ति नेत्र गोलक को हृदय की ओर केंद्रित करने का प्रयास करता है।

6. उलोकिता : ऊपर की ओर देखने वाली।

7. अणुवृत्त : आंखों का ऊपर-नीचे तेजी से हिलना।

8. अवलोकिता : नीचे देखने वाले।

समां अलोकितम साची प्रलोकिता निमिलिटी
उल्लोकिता-अनुवृत्ते च तथा चैव-अवलोकितम
इथ्याष्ठो दृष्टि भेदः स्यू कीर्तितः पूर्वसुरिभि